मॉड्यूल 11: गतिविधि 1 चिंतन बिंदु
विभिन्न
दस्तावेजों
और
नीतियों
ने
बहुभाषिकता
के
महत्व
पर
प्रकाश
डाला
है।
एक
शिक्षक
के
रूप
में
बहुभाषिकता
के
संबंध
में
आपके
विचार
क्या
हैं।
क्या
हम
इसे
एक
संसाधन
और
एक
रणनीति
के
रूप
में
उपयोग
कर
सकते
हैं?
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
हाँ, हम बहुभाषिकता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में जरुर उपयोग में ला सकते हैं। क्योंकि, एक शिक्षक जो छात्रों के ही भाषाओं में अपने छात्रों (जो हिन्दी नहीं समझता हो) से हिन्दी के पाठ का मतलब समझा सके, तो, छात्र खुश शिक्षक खुश। इसके बाद, शिक्षक बहुभाषिकता को अपनी रणनीति के हिसाब से हिन्दी को बोलचाल और पठन-पाठन में धीरे-धीरे छात्रों के सामने प्रयोग में लाता रहेगा।
ReplyDeleteAlag-alag language ki jankari hogi Jo ki aaj ke samay me Bahut hi upyogi rahegi Jo ki aaj ke samay me prasngic hogi issue Anya Ethan ki sanskriti Kala tatha bahubhashita ko samajh payenge aur students and teachers ko Naveen jankari milegi aur aage bash payenge
ReplyDeleteBahubhasik hona ham shikshko ke liye bahut anivarya hain. inke madhyam se ham bachchon ko woh sab shika payenge jo bachchon ke gyan briddhi main bahut kaam ayenge.aur inhe ham apne ranneeti ke hisaab se upyog kar sakte hain.
ReplyDeleteबहुभाषी होना शिक्षक के लिए बहुत ही जरूरी है जिससे बच्चों की ज्ञान मे बृद्धि हो सके।
Deleteबहुभाषिकता होना हम सभी शिक्षकों लिए बहुत ही अनिवार्य है क्योंकि इसके द्वारा हम बच्चों को संसार के अन्य रीति नीति के बारे में ज्ञान दे सकेंगे तथा इसके माध्यम से बच्चे धीरे धीरे अन्य देश के बारे में जान सकेंगे।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषीक्ता का अर्थ होता है अनेक भाषाओं को जनाना और बोलने की छमता होना । बहुभासिक के रूप एक शिक्षक का महत्व काफी बढ़ जाता है ।वह विद्यालय में बच्चों बड़ी आसानी से प्रथम, दूसरी और तीसरी भाषाको पढ़ा सकता है और समझ सकता है अतः एक शिक्षक होने के नाते हमें एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना चाहिये । हम इसे संसाधन और रणनीति के रूप से अवश्य उपयोग कर सकते हैं ।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteभारत जैसे बहुभाषी देश में तो हमारा किसी एक भाषा के सहारे काम चल ही नहीं सकता। हमें अपनी बात बाकी लोगों तक पहुंचाने के लिए और उनके साथ संवाद करने के लिए एक भाषा से दूसरे भाषा के बीच आवाजाही करनी ही पड़ती है। जैसे हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं का मिश्रित रूप है हिंदुस्तानी जुबान। हिंदुस्तान जुबान में होने वाले संवाद की मिठास और संप्रेषण की सहजता देखने लायक है। बहुत से बच्चों से घर की भाषा (होम लैंग्वेज) स्कूल की भाषा से इतर होती है।
ReplyDeleteएक शिक्षिका के रूप में बहुभाषिकता के सम्बन्ध में मेरा विचार यह है कि ये होना चाहिए क्योंकि अरुणाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां पर प्रत्येक चार मील पर मौखिक भाषा बदल जाता है। बहुभाषिक कक्षा में बच्चों के सामाजिक विकास, संज्ञानात्मक विकास और बौद्धिक विकास में सहायक होती है। बच्चे जितना ज्यादा भाषा सीखते हैं उतना ही उनका क्रिया-कलाप एवं शब्द भंडार बढ़ता है। जी हां हम इसे एक संसाधन और रणनीति के रूप में उपयोग कर सकते है।
ReplyDeleteभारत में बहुभाषिकता को एक संसाधन के रूप में देखने की बजाय एक समस्या की तरह देखा जाता है।किसी एक भाषा से हमारा काम चल ही नहीं सकता है। हम स्कूल में एक भाषा बोलते हैं, घर पर दूसरी भाषा बोलते हैं, दोस्तों के साथ किसी अन्य भाषा में संवाद करते हैं। इसके अतिरिक्त बहुत सी अन्य भाषाओं में हम बोलते कम हैं। मगर उसमें लिखने-पढ़ने का काम करते हैं जैसे अंग्रेजी।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteभारत जैसे विविध देश में बहुभाषावाद बहुत महत्वपूर्ण है। इससे भाषाई विविधता के संरक्षण में सहायता भी मिलती है। आज के वैश्वीकरण के युग में बहुभाषी निपुणता अत्यंत फायदेमंद है। प्रारंभिक शिक्षा के लिए मातृभाषा के उपयोग से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और बच्चे पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
ReplyDeleteभारत जैसे बहुभाषी देश में तो हमारा किसी एक भाषा के सहारे काम चल नहीं सकता।हमें अपनी बात बाकी लोगों तक पहुँचाने के लिए और उनके साथ संवाद करने के लिए एक भाषा से दूसरे भाषा के बीच आवाजाही करनी ही पड़ती हैं ।बहुत से बच्चों से घर की भाषा स्कूल की भाषा से इतर होती हैं ।
ReplyDeleteएक शिक्षक के रूप में हमें बहुभाषी होना चाहिए। जब हम कक्षा में होते हैं तो अलग-अलग भाषा के छात्र होते हैं और उनसे हमें अपने विषय को मामूली तरीके से पढ़ाना होता है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषीकता का अथ॔ होता है तरह-तरह की भाषाओं को जानना और बोलने की क्षमता रखना या होना।बहुभाषीकता के संबंध में मेरा विचार या है कि आज के समय मेंभारत जैसे देश में हम सब को बहुभाषीकता होना बहुत जरूरी है।जिस तरह हम स्कुल में बच्चों के साथ उनके अपने भाषा से पढ़ाने य समझाने की कोशिश करते है उसी तरह हम अगर कहीं घुमने जाएंगे तो बहुभाषीकता होना अच्छा और लाभदायक होगा ।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिकता होना हम सभी शिक्षकों लिए बहुत ही अनिवार्य है क्योंकि इसके द्वारा हम बच्चों को संसार के अन्य रीति नीति के बारे में ज्ञान दे सकेंगे तथा इसके माध्यम से बच्चे धीरे धीरे अन्य देश के बारे में जान सकेंगे।
ReplyDeleteबहुभाषिकता होना हम सभी शिक्षकों लिए बहुत ही अनिवार्य है क्योंकि इसके द्वारा हम बच्चों को संसार के अन्य रीति नीति के बारे में ज्ञान दे सकेंगे तथा इसके माध्यम से बच्चे धीरे धीरे अन्य देश के बारे में जान सकेंगे।
ReplyDeleteहाँ बहुभाषावाद शिक्षण में सहायक हो सकता है और जीवन में सहायक होगा, जैसा कि हम एक विविध देश और दुनिया में रहते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाषा न केवल साहित्यिक विषय है, बल्कि शब्दों की अभिव्यक्ति भी है, बहुभाषावाद छात्र को अपनी मातृभाषा के अलावा अन्य भाषा में आत्मविश्वास के साथ समझाने में मदद करता है। इसे आसान भाषा का उपयोग करते हुए शिक्षण के लिए एक संसाधन और रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है ।
ReplyDeleteबहुभाषिकता का अर्थ होता है ,अनेक भाषाओ को जानना और बोलने की क्षमता रखना। मेरे विचार से एक शिक्षक को बहुभाषी होना बहुत जरूरी है । जिससे वह भिन्न-भिन्न भाषा के बच्चो को अपने बात पहुँचा सके । हां हम इसे संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते है ।
ReplyDeleteभारत जैसे बहुभाषी देश में तो हमारा किसी एक भाषा के सहारे काम चल ही नहीं सकता। हमें अपनी बात बाकी लोगों तक पहुंचाने के लिए और उनके साथ संवाद करने के लिए एक भाषा से दूसरे भाषा के बीच आवाजाही करनी ही पड़ती है। जैसे हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं का मिश्रित रूप है हिंदुस्तानी जुबान। हिंदुस्तान जुबान में होने वाले संवाद की मिठास और संप्रेषण की सहजता देखने लायक है। बहुत से बच्चों से घर की भाषा (होम लैंग्वेज) स्कूल की भाषा से इतर होती है।
ReplyDeleteभारत एक बहुभाषी देश है जहां विभिन्न भाषाएं बोली जाती है। एक शिक्षक होने। के साथ शिक्षक को बहुभाषी होना चाहिए क्योंकि कक्षा में कई प्रकार के भाषा के बच्चे होते हैं इसलिए एक ही भाषा से काम चलाना असंभव है। मातृभाषा के अलावा बच्चों को अन्य भाषाओं को ज्ञान भी प्रदान करना चाहिए जिससे उन्हें आगे चल कर किसी कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
ReplyDeleteभारत एक बहुभाषी देश है जहां विभिन्न भाषाएं बोली जाती है। एक शिक्षक होने के साथ शिक्षक को बहुभाषी होना चाहिए क्योंकि कक्षा में कई प्रकार के बच्चे होते हैं इसलिए एक ही भाषा से काम चलाना असंभव है। मातृभाषा के अलावा बच्चों को अन्य भाषाओं का ज्ञान भी प्रदान करना चाहिए जिससे उन्हें आगे चल कर किसी कठिनाइयों का सामना करना न पड़े।
ReplyDeleteएक शिक्षक के रूप में हमें बहूबाशा होना चाहिए।जब हम कक्षा में होते है तो अलग अलग भाषा के छात्र होते है और तरीके से पड़ना होता है।
ReplyDeleteबहुभाषिक होना आज के समय मे बहुत जरुरी क्योकि आज अगर आप एक भाषा की जानकारी है तो विश्व के दुसरे जगहो फर आप नही रह पायेंगे आप एक सीमित दायरे मे सिमट कर रहेंगे।
ReplyDeleteबहुभाषीक होना आज के समय मे बहुत जरूरी है क्योकि आज अगर आप एक भाषा की जानकारी है तो विश्व के दूसरे जगहों पर आप नहीं रह पाएंगे आप एक सीमित दायरे में सिमट कर रह जाएंगे।
ReplyDeleteबहुभाषीता का मतलब है अनेक भाषाऔ को जनना और बोलने की छमता होना । इसलिए बहुभाषा होना शिक्षाक के लिए ही जरूरी है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिकता,बच्चे की अस्मिता का निर्माण करती है और यह भारत के भाषा-परिदृशय का एक विशिष्ट ल लक्षण भी है।उसका संसाधन के रूप मे उपयोग करना,उसे कक्षा की कार्य निति का हिस्सा बनाना तथा शिक्षण अधिगम प्रकिया मे माध्यम के रूप मे प्रयोग करना रचनात्मक भाषा-शिक्षक का कार्य है।
ReplyDeleteबहुभाषिकता पर हुए अध्ययनो से यह पता चलता है कि बहुभाषिक क्षमता संज्ञानातमक वृध्दि,सामाज सहिष्णुता,विस्तृत चिन्तन और बौद्धिक उपलब्धियों के स्तर को बढ़ाती है,इसलिए भाषाओं को विधालयों में एक संसाधन के रूप मे प्रयोग किया जा सकता है।
Bharat ek bahut hi vishalkai desh hai ,agar hum bhasa ki baat kare toh yeh vivin bhasawo ka desh hai.Ek pravaushali shikshak hamesha bhasawo par dyan deta hai.Bhasa sae hum ekta,akanddata ka gyan shikate hai.
ReplyDeleteबहुबशीता का सम्नय आर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता एक शिक्षक के रूप मे इसका महतुआ और भी बर जाता है.क्योंकि वर्तमान परिवेस मे विद्याल मे प्राथमदित्या एक से अधिक भाषा पतन हेतू संचालित हे. आत शिक्षक को एक मे से अधिक भाषा की जानकारी होना हाय चाहिये/ हुम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे आवस्य अपना सकते है.
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषी का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो दो या दो से अधिक भाषाओं का प्रयोग करता है ।बहुभाषिकता किसी भी व्यक्ति के ज्ञान एवं व्यक्तित्व के विकास के लिए बहुत उपयोगी है ।
ReplyDeleteभारत सहित अधिकांश विश्व में बहुभाषी विद्यार्थी अपवाद नही बल्कि आदर्श है ।एक से अधिक भाषा ज्ञान के संज्ञात्मक और व्यवहारिक लाभ के कई शोध और प्रमाण है ।इस प्रकार का ज्ञान अध्यापन और शिक्षण का अद्भुत साधन है ।चाहे किसी भी विषय में विशेषज्ञता हो, प्रत्येक शिक्षक को अपने सभी विद्यार्थियो के भाषा ज्ञान और कौशल की प्रशंसा, प्रचार और उसे निखारने के अवसरों की तलाश करनी चाहिए ।एक भाषा और साक्षरता शिक्षक होने के नाते, ऐसा करना मेरी और आपकी विशेष जिम्मेदारी है ।
भारत में बहुभाषिकता को एक संसाधन के रूप में देखने की बजाय एक समस्या की तरह देखा जाता है ।हम सभी मूलतः बहुभाषी हैं ।किसी एक भाषा से हमारा काम चल नही सकता है ।हम स्कूल में एक भाषा बोलते हैं, घर पर दूसरी भाषा बोलते हैं, दोस्तों के साथ किसी अन्य में संवाद करते हैं ।अतः बहुभाषिकता समस्या नहीं, एक समाधान है और इसे संसाधन के तौर पर व्यवहार में लाना चाहिए ।
बहुभाषिकता को कक्षा में हमेशा एक संसाधन एवं रणनीति के तौर पर व्यवहार में लाना हमारा कर्तव्य ही नही, जिम्मेदारी भी है ।बहुभाषिकता एक समाधान है ।इससे हम किसी मुद्दे पर अलग -अलग दृष्टिकोण से विचार कर पाते हैं जो।एक ऐसे समाधान तक पहुंचने का प्रयास कर पाते हैं जो अन्य लोगों के प्रति भी समान रूप से संवेदनशील होता है ।किसी एक भाषा को सभी लोगों के उपर थोपने की कोशिश का इसी कारण विरोध होता है क्योंकि जो भाषा किसी के लिए आसान होती है वही अन्य लोगों के लिए मुश्किल हो सकती है , यह एक छोटी सी बात है, मगर हम समझने की कोशिश नही करते।अंत में मैं यही कहूँगा कि बहुभाषिकता एक अत्यंत ही संवेदनशीमुद्दा है और किसी भी कक्षा के विद्यार्थियो के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और आवश्यक है ।हम इसे समस्या के तौर पर न देखकर संसाधन एवं रणनीति के रूप मेंं अपने अपने विद्यालयों में उपयोग कर भरपूर फायदा उठाते हुए, विद्यार्थियो के पठन -पाठन को सहज बनाकर उनके सुनहरे भविष्य को और भी उज्ज्वल बनाने मेंं सहायक हो सकते है ।
Ek sikhshak ke rup mein main bahubasikta ke sambhand mein yah vichar hai ki kaksha main Jo naye naye bacche ate hai wah keval apni matrbhasha lekar ate hai aur inhi bhasha ka upyog bhi karte hai par kuch dharnao ke Karan wah un baccho se sahi dhang se Gul mil nahi pate yahi Karan hai ki sikhshako ko bahubashiktao ke sambhand par prakash dhalna upyogi hai . Han hum inhe ek sunsadhan aur ek runniti ke rup Mai upyog karsakte hai kyuki shikshako ko ek see adikh bashao ki jankari hona avashak hai tatha hum baccho ko angrezi ke sabdho ya vakyao ko Hindi Mai badal Kar unhe samjha sakte hai isi prakar wah do bashao ki jankari prapt karte hai.
ReplyDeleteबहुभाषिकता,बच्चे की अस्मिता का निर्माण करती है और यह भारत के भाषा-परिदृशय का एक विशिष्ट ल लक्षण भी है।उसका संसाधन के रूप मे उपयोग करना,उसे कक्षा की कार्य निति का हिस्सा बनाना तथा शिक्षण अधिगम प्रकिया मे माध्यम के रूप मे प्रयोग करना रचनात्मक भाषा-शिक्षक का कार्य है।
ReplyDeleteबहुभाषिकता का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो दो या अधिक भाषाओं का प्रयोग करता है। विश्व में बहुभाषी विद्यार्थी अपवाद नहीं बल्कि आदर्श हैं। चाहे किसी भीविषय में विशेषता हो, प्रत्येक शिक्षक को अपने सभी विद्यार्थियों के भाषा ज्ञान और कौशल की प्रशंसा, प्रचार और उसे निखारने के अवसरों की तलाश करनी चाहिए। एक भाषा और साक्षरता शिक्षक होने के नाते, ऐसा करना हमारी विशेष जिम्मेदारी है।
ReplyDeleteविद्यार्थियों की मातृभाषा और विद्यालय की भाषा समान नही होती है,ऐसी परिस्थितियों को अक्सर चुनौती पूर्ण माना जाता है। इसका उद्देश्य बहुभाषावाद के प्रति जागरूक और सकारात्मक समझ को उजागर करना है, जिसके अंतर्गत यह बात बताई गई है कि बहुभाषावाद के माध्यम से भाषा को कक्षा में सभी विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ाना चाहिए। इस प्रकार का ज्ञान अध्यापन और विकर्षण का अदभुत साधन है चाहे किसी भी विषय में विशेषज्ञता हो, प्रत्येक शिक्षक को अपने सभी विद्यार्थियों भाषा ज्ञान और कौशल की प्रशंसा, प्रचार और उसे निखारने के अवसरों की तलाश करनी चाहिए। शिक्षक होने के नाते ऐसा करना हमारी विशेष जिम्मेदारी है। हम इसे एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
बहुभाषिकता का अर्थ है अनेक भाषाओ को बोलने और समझने की क्षमता होना। मेरे विचार से आज काल के युग मे बहुभाषिक होना बहुत ही अनिवार्य है।जैसे- हमारे अरुणाचल प्रदेश एक विभिन्न बोलियों का राज्य है यहाँ चार-पांच मीलों मे बोलियां बदल जाते है इसलिए हम सभी शिक्षको के लिए बहुभाषी होना बहुत जरूरी हैं। हां, हम इसे एक संसाधन और रणनीति के रूप मे अवश्य उपयोग कर सकते है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषीता का मतलब है अनेक भाषाऔ को जनना और बोलने की छमता होना । इसलिए बहुभाषा होना शिक्षाक के लिए ही जरूरी है।
ReplyDeleteबहुभाषिकता को शिक्षण और सीखने के एक संसाधन और रणनीति के रुप में उपयोग किया जा सकता है क्योंकि भाषा शिक्षण और सीखने की सबसें महत्वपूर्ण केन्द्रीयता है।बहुभाषिकता शिक्षक को उपयुक्त संवादात्मक कौशल से परिचित कराता है।यह बच्चों की संवाद क्षमता को भी विकसित करती है।छात्रौं के निरंतर मूल्यांकन और सीखने के परिणाम में मदद करता है।
ReplyDeleteबहुभाषिकता होना हम सभी को बहुत ही अनिवार्य है कयोंकि इसके दारा हम बच्चो को संसार के अन्य रीति निवास के ज्ञान प्राप्त होता है तथा इसके माध्यम से बच्चो धीरे-धीरे अन्य देश के बारे मे जान सकेंगे/
ReplyDeleteबहुभाषिकता होना हम सभी को बहुत ही अनिवार्य है कयोंकि इसके दारा हम बच्चो को संसार के अन्य रीति निवास के ज्ञान प्राप्त होता है तथा इसके माध्यम से बच्चो धीरे-धीरे अन्य देश के बारे मे जान सकेंगे/
ReplyDeleteबहुभाषिकता का सामान्य अर्थ है - अनेक भाषाओं को बोलना और जानने की क्षमता। मेरे विचार से एक शिक्षक को बहुभाषी होना जरूरी है।स्कूल में बच्चे आसानी से पहली दूसरी भाषा को पढ़ और समझ सकते है।हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप में उपयोग कर सकते है।
ReplyDeleteबहुभाषिकता का सामान्य अर्थ है अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप मैं इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, दि्वतीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः विकर्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी एवं रणनीति के रूप में अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDelete
ReplyDeleteबहुभाषीक्ता का अर्थ होता है अनेक भाषाओं को जनाना और बोलने की छमता होना । बहुभासिक के रूप एक शिक्षक का महत्व काफी बढ़ जाता है ।वह विद्यालय में बच्चों बड़ी आसानी से प्रथम, दूसरी और तीसरी भाषाको पढ़ा सकता है और समझ सकता है अतः एक शिक्षक होने के नाते हमें एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना चाहिये । हम इसे संसाधन और रणनीति के रूप से अवश्य उपयोग कर सकते हैं ।
बहुभाषिकता,बच्चे की अस्मिता का निर्माण करती है और यह भारत के भाषा-परिदृशय का एक विशिष्ट ल लक्षण भी है।उसका संसाधन के रूप मे उपयोग करना,उसे कक्षा की कार्य निति का हिस्सा बनाना तथा शिक्षण अधिगम प्रकिया मे माध्यम के रूप मे प्रयोग करना रचनात्मक भाषा-शिक्षक का कार्य है।
ReplyDeleteबहुभाषिकता पर हुए अध्ययनो से यह पता चलता है कि बहुभाषिक क्षमता संज्ञानातमक वृध्दि,सामाज सहिष्णुता,विस्तृत चिन्तन और बौद्धिक उपलब्धियों के स्तर को बढ़ाती है,इसलिए भाषाओं को विधालयों में एक संसाधन के रूप मे प्रयोग किया जा सकता है।
Alag-alag language ki jankari hogi Jo ki aaj ke samay me Bahut hi upyogi rahegi Jo ki aaj ke samay me prasngic hogi issue Anya Ethan ki sanskriti Kala tatha bahubhashita ko samajh payenge aur students and teachers ko Naveen jankari milegi aur aage bash payenge
ReplyDeleteछात्रों की आवश्यकता के अनुसार वातावरण का निर्माण हमें उनहे कहानी कहने, बाहर के समूहों की गतिविधियों के माध्यम से सिखाना चाहिए!
ReplyDeleteभारत जैसे बहुभाषी देश में, बहुभाषिकता यानी ,एक से अधिक भाषाओं का प्रयोग के विचार का सम्मान करना तथा उसे रोजमर्रा के जीवन में स्थान देना,एक उत्तम विचार हैं। एक बहुभाषी देश होने के कारण हमारे लिए किसी एक भाषा के सहारे अपने विचारों का आदान प्रदान करना संभव नहीं है। हमें संवाद करने के लिए एक भाषा से दूसरे में आवाजाही करनी पड़ती है। शिक्षा के क्षेत्र में बहुभाषिकता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं।ऐसा होने पर बच्चो मे नई चीजों को सिखने की जिज्ञासा बढेगी, साथ ही साथ सिखने की प्रक्रिया का तेजी से विकास होगा। क्योंकि, बहुत से बच्चो की घर की भाषा स्कूल की भाषा से भिन्न होती हैं। जिसकी वजह से पाठयक्रमों को पढ़ने तथा समझने में कठिनाई होती है।प्रारम्भिक शिक्षा में मातृभाषाओं का प्रयोग कर अन्य भाषा के शब्दो का स्पष्टीकरण होने पर छात्र सरलता से शिक्षा अर्जित कर सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषीता का समय अर्थ है, अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्वमह और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वरतमान परिवेश में बिद्दयाल में प्रथाम, दुतिए एवम् तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अत: शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवम् रणनीति के रूप में अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDelete..एक बहुभाषी देश होने के कारण हमारे लिए एक ही भाषा में संवाद करना असंभव है।देश के विभिन्न वर्गों के बीच विचारों का आदान-प्रदान करनें हेतु कई भाषाओं का उपयोग किया जाता है। इसलिए, बहुभाषिकता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप मे उपयोग किया जा सकता है ।
ReplyDeleteBahubasha ka matlab hai ki aneek bashawo ki jaan na aur bolne ki chamta hona. Issiliye bahubasha hona shikshak ke liye he jarurat hai.
ReplyDeleteबहुभाषिता का सामान्य अर्थ है,अनेक भाषाओं को बोलने की क्षमता। एक शिक्षक के रूप में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वर्तमान परिवेश में विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाषा पठन पाठन हेतु संचालित है, अतः शिक्षक को एक से अधिक भाषा की जानकारी होना ही चाहिए। हम इसे संसाधन एवं रणनीति के रूप मे अवश्य अपना सकते हैं।
ReplyDeleteएक शिक्षक को बहुभाषी होने का लाभ बहुत हैं ।हम कक्षा में बच्चों को उनके भाषा में ही उनको समझा सकते हैं ।बच्चों को भी हमारे साथ आपने विचार रखने में कोई परेशानी नहीं होगी ।क संसाधन और एक रणनीति के रूप मे उपयोग किया जा सकता है ।
ReplyDeleteहाँ, इसे एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में उपयोग में ला सकते हैं ।
Bahubhasita hona bahut jaruri hei hum aniya desho mei jane se kou ta klif nahi hogi
ReplyDeleteहाँ, हम बहुभाषिकता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में जरुर उपयोग में ला सकते हैं। क्योंकि, एक शिक्षक जो छात्रों के ही भाषाओं में अपने छात्रों (जो हिन्दी नहीं समझता हो) से हिन्दी के पाठ का मतलब समझा सके, तो, छात्र खुश शिक्षक खुश। इसके बाद, शिक्षक बहुभाषिकता को अपनी रणनीति के हिसाब से हिन्दी को बोलचाल और पठन-पाठन में धीरे-धीरे छात्रों के सामने प्रयोग में लाता रहेगा।
ReplyDeleteएक शिक्षक को बहुभाषी होने का लाभ बहुत हैं ।हम कक्षा में बच्चों को उनके भाषा में ही उनको समझा सकते हैं ।बच्चों को भी हमारे साथ आपने विचार रखने में कोई परेशानी नहीं होगी ।क संसाधन और एक रणनीति के रूप मे उपयोग किया जा सकता है ।
ReplyDeleteहाँ, इसे एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में उपयोग में ला सकते हैं ।